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पीएफआरडीए (पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण)

भारत सरकार ने 1999 में, भारत में वृद्धावस्था आय सुरक्षा से संबंधित नीति की जांच करने के लिए "ओएसिस" (वृद्धावस्था सामाजिक एवं आय सुरक्षा के लिए एक संक्षिप्त शब्द) शीर्षक वाली एक राष्ट्रीय परियोजना की शुरुआत की थी। ओएसिस रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर, भारत सरकार ने सशस्त्र बलों को छोड़कर, केंद्रीय/राज्य सरकार सेवा में नए प्रवेशकों के लिए, मौजूदा प्रणाली परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली के स्थान पर, एक नई परिभाषित अंशदान पेंशन प्रणाली की शुरुआत की। 23 अगस्त 2003 को, भारत में पेंशन क्षेत्र को बढ़ावा देने, विकसित करने और नियंत्रित करने के लिए, भारत सरकार द्वारा, एक प्रस्ताव के माध्यम से अंतरिम पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की स्थापना की गई। 22 दिसम्बर, 2003 को भारत सरकार द्वारा इस अंशदायी पेंशन प्रणाली को अधिसूचित किया गया, जिसे अब 1 जनवरी, 2004 से प्रभावी राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) नामित कर दिया गया। बाद में 1 मई, 2009 से प्रभावी, इस एनपीएस को, स्वैच्छिक आधार पर स्वयं-कार्यरत पेशेवरों तथा असंगठित क्षेत्र में अन्य लोगों सहित, देश के सभी नागरिकों के लिए लागू कर दिया गया।

पेंशन निधि विनियामक एवं विकास प्राधिकरण अधिनियम 19 सितंबर, 2013 को पारित किया गया तथा इसे 1 फरवरी, 2014 को अधिसूचित किया गया। पीएफआरडीए एनपीएस को विनियमित करता है, जिसके अभिदाता भारत सरकार एवं राज्य सरकारों के कर्मचारी तथा निजी संस्थानों/संगठनों और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारी हैं। पीएफआरडीए पेंशन बाजार के सुव्यवस्थित वृद्धि और विकास को सुनिश्चित कर रहा है।

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